जींद, जानकारी, नक्शा, इतिहास और दर्शनीय स्थल

जींद के बारे मे जानकारी

जींद, हरयाणा के जींद जिले का एक शहर है, यहाँ की आवादी १६७५९२, और क्षेत्रफल ३८० वर्ग किलोमीटर है, जनसँख्या घनत्व ४४० व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जींद की साक्षरता ८३.६३% है, महिला और पुरुष अनुपात ८७७ महिलाये प्रति १००० पुरुषो पर है, जनसंख्या मे महिलाओ का प्रतिशत ४६.७ है और पुरुषो का ५३.३ है, यहाँ पर पुरुषो की साक्षरता ८०% है और महिलाओ के साक्षरता ६७% है।

जींद पृथ्वी तल से २२७ मीटर की ऊंचाई पर है, यहाँ का पिन कोड १२६१०१ है, एसटीडी कोड ०१६८१ है, वाहनों का पंजीकरण निजी वाहनों के लिए हरियाणा ३१ और व्यवसायिक वाहनों के हरियाणा ५६ है, जींद के अक्षांश और देशान्तर क्रमशः २९ डिग्री ३२ मिनट उत्तर से ७६ डिग्री ३२ मिनट पूर्व तक है।

जींद में १ लोक सभा क्षेत्र है सोनीपत और एक विधान सभा क्षेत्र है जींद सिटी, जींद में मूल रूप से हिंदी, पंजाबी, हरयाणवी, अंग्रेजी और कुछ अन्य भाषाएँ बोली जाती है।

जींद का नक्शा मानचित्र मैप

जींद का नक्शा गूगल मैप पर

जींद का इतिहास

जींद, जो की हरियाणा का एक जिला एक शहर है, इसका इतिहास उतना ही और प्राचीन है, प्राचीन ग्रन्थों और प्रमाणों के आधार पर पता चलता है की जींद का इतिहास महाभारत के इतिहास से जुड़ा हुआ है, यानि की जींद का इतिहास कही न कही पांडवो के इतिहास को छूटा हुआ सा प्रतीत होता है, और ये सत्य भी है.

सबसे पहले पांडवो ने बनवास काल के समय यहाँ पर एक मंदिर बनवाया या बनाया था, और इसके बाद अपने रहने के लिए इसके आस पास लोगो को जोड़ कर एक गांव बनाया जिसका नाम उन्होंने जैंतपुरी रखा क्योंकि यहाँ पर गांव को बसाने का विचार इंद्र के पुत्र जयंत ने दिया था और उनके ही अनुरोध पर यहाँ पर माता जयंती जो की विजय विभूति और यश को देने वाली देवी है का मंदिर बनाया था, महाभारत में इस मंदिर के बारे में पुरे प्रमाण है की अर्जुन स्वयं युद्ध में जाने से पहले यहाँ पर रक्त कमल में माता की पूजा कर विजय का आशीर्वाद लेने आते थे।

१८वी शतब्दी में इस क्षेत्र पर फुलकिया सरदारो ने अपना कब्ज़ा कर लिया, वे अपने को सरदार की जगह सरकार कहलवाला पसन्द करते थे, उन्होंने ही यहाँ पर एक गुरूद्वारे का निर्माण करवाया, या स्थान कालांतर में जयन्तपुर से जैंतपुरी और फिर जींद में बदल गया, कब बदला, कैसे बदला किसने बदला इसका कोई भी ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है, बस यही है जींद का एक संक्षिप्त इतिहास।

जींद के दर्शनीय स्थल

खाण्डा

खाण्डा गांव जींद से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर है, यहाँ पर अत्यधिक प्राचीन भगवान परशुराम मन्दिर एवं तीर्थ हैं, प्रत्येक रविवार लोग दूर -दूर से इस मंदिर में पूजा करने एवं तीर्थ में स्नान करने आते हैं !

अश्वनी कुमार तीर्थ

अश्वनी कुमार तीर्थ जीन्द से 14 किलोमीटर दूर है। प्राचीन मान्यताये है की मंगलवार के दिन इस तीर्थ कुंड में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। इस तालाब का उल्लेख महाभारत, पदम पुराण, नारद पुराण और वामन पुराण में भी मिलता है।

वराह

वराह भगवन का मंदिर जीन्द से 10 किलोमीटर दूर बराह गांव में है। वामन पुराण, पदम पुराण और महाभारत पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने यहाँ पर वराह का अवतार लिया था और पृथ्वी का उद्धार किया था।

इकाहमसा

इकाहमसा जीन्द की दक्षिण-पश्चिम दिशा में ५ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। परंपराओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण गोपियों से बचने के लिए हंस के रूप में यहीं पर छुपे थे। यह बहुत खूबसूरत है और पर्यटक यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

मुंजावता

निरजन में स्थित मुंजावता बहुत खूबसूरत है और जीन्द से 6 किलोमीटर की दूरी पर है।

यक्षिणी तीर्थ

यह जीन्द से 8 किलोमीटर की दूरी पर दिखनीखेड़ा में स्थित है।

पुष्कर

पुष्कर जीन्द से 11 किलोमीटर की दूरी पर पोंकर खेड़ी गांव में है।

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